बाज़ार में मुठ्ठी भर बेसब्र लोग
तलाश रहे हैं सुकून ,
कहाँ बिकता है ?
और कहाँ मिल पायेगा ?
थक के जब निकलते हैं
और जब
एक फ़क़ीर को देते हैं
चन्द सिक्के
तो खुदा याद आता है,
सुकून भी वहीँ मिले शायद।
तलाश रहे हैं सुकून ,
कहाँ बिकता है ?
और कहाँ मिल पायेगा ?
थक के जब निकलते हैं
और जब
एक फ़क़ीर को देते हैं
चन्द सिक्के
तो खुदा याद आता है,
सुकून भी वहीँ मिले शायद।
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