तुम भी कह लो तुम्हें जो कहना है
हम भी सुन लें और चुप हो जाएँ
ज़िंदगी है , तो उलझनें भी होंगी
क्या करें अगर न खो जाएँ
किसी के हिस्से तो आना है मुझको
नहीं अपने तो तेरे हो जाएँ
रात इतना तो करम कर मुझ पर
ख्वाब आएं न आएं हम सो जाएँ
हम भी सुन लें और चुप हो जाएँ
ज़िंदगी है , तो उलझनें भी होंगी
क्या करें अगर न खो जाएँ
किसी के हिस्से तो आना है मुझको
नहीं अपने तो तेरे हो जाएँ
रात इतना तो करम कर मुझ पर
ख्वाब आएं न आएं हम सो जाएँ