हम ख़याल
रविवार, 28 दिसंबर 2014
हाल-ए दिल किसको बताएं जो तुम न हो
किसी को क्यूँकर बताये जो तुम न हो।
दिल ये कहता है मुस्कुराया जाए
लब ये मुस्कुराएं कैसे जो तुम न हो।
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