मेरे करीब कांटे हैं
और दर्द का सागर है
तुम जो आओगे पास
तो चुभ जायेंगे कांटे
और छलनी कर दे़ंगे तुम्हारा दिल
हमारे पास कुछ नहीं देने को
सिवा ईक दर्द के मौसम के
वो मौसम जो पूरे साल एक सा रहता है
कभी नहीं बदलता
आज लगा कि वो मौसम
पहुँच गया तुम्हारे पास
हमारे लाख न चाहने के बावज़ूद
और दर्द का सागर है
तुम जो आओगे पास
तो चुभ जायेंगे कांटे
और छलनी कर दे़ंगे तुम्हारा दिल
हमारे पास कुछ नहीं देने को
सिवा ईक दर्द के मौसम के
वो मौसम जो पूरे साल एक सा रहता है
कभी नहीं बदलता
आज लगा कि वो मौसम
पहुँच गया तुम्हारे पास
हमारे लाख न चाहने के बावज़ूद
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