बुधवार, 14 जनवरी 2015

साथ

साथ कितना चाहिए 

इतना की 
हाथ पकड़ के कह पाएं कुछ 
जो ऐसे नहीं कह पाते 

या फिर इतना जो कल 
याद करें तो सालों याद करते रहें 

क्या होता है जब 
ज़्यादा वक़्त भी थोडा लगता है

और कभी कभी थोडा
वक़्त भी बहुत ज़्यादा

जैसे खर्च न हो पाये

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