मंगलवार, 12 सितंबर 2017

सरकार

सरकार कितनी होनी चाहिए?
सरकार होनी चाहिए,
शिक्षा में ज़्यादा,
स्वास्थ्य में ज़्यादा,
ताकि मिल सकें उन्हें
भी शिक्षा और स्वास्थ्य का लाभ,
जो खुद नहीं कर सकते
इसका इंतजाम।
सरकार कहाँ होनी चाहिए?
सरकार होनी चाहिए
आसमान पर कम,
ज़मीन पर ज़्यादा,
ताकि नज़र आये
वो जो आईवरी टॉवर से नहीं दिखता ।
सरकार नज़र आनी चाहिए
लोगों को
सिर्फ़ दूर से नहीं बल्कि पास से,
सरकार जिसे लोग छू सकें
महसूस कर सकें,
बता सकें अपनी बात।
सरकार जब नहीं दिखती तो
बिचौलिए दिखते हैं,
टार्च लेकर दिखाते हैं
कि देखो सरकार उधर बैठी है।
सरकार को फर्क पड़ना चाहिए,
सिर्फ आपदा में नहीं,
सिर्फ युद्ध में नहीं,
शांतिकाल में भी,
सरकार कम होनी चाहिए,
हमारे घरों में,
दर ओ दीवार में,
सरकार होनी चाहिए
मौजूद हमारे खेतों में,
खलिहानों में,
मंडियों में,
ये देखने कि क्या उग रहा है,
क्यों उग रहा है,
क्या बिक रहा है,
क्यों बिक रहा है,
जो बिक रहा है वो ख़ालिस है या नहीं
जो उग रहा है वो ख़ालिस है या नहीं,
उसकी नज़र होनी चाहिए
खाने की क्वालिटी पर,
सरकार होनी चाहिए सड़क पर
ताकि कोई राह चलते न मरे ।
सरकार होनी चाहिए जंगल में
ताकि बचे रहे जंगल ।
सरकार होनी चाहिए नदी में
ताकि बाढ़ से निपट सके,
सरकार होनी चाहिए बार्डर पर
ताकि कोई अंदर न आ सके,
सरकार होनी चाहिए बैंक में
ताकि हमारा धन सुरक्षित हो,
सरकार होनी चाहिए
हर उस जगह जहाँ
उसे होना चाहिए,
लोगों के लिए,
सरकार के होने चाहिए कान
जो सुन सकें गड़बड़,
और हाथ जो बंधे न हों ।
सरकार होनी चाहिए
धर्म से कोसों दूर
और कर्म के बिल्कुल पास ,
सरकार पर होना चाहिए
भरोसा लोगों का,
सरकार को होना चाहिए
भरोसा लोगों पर,
सरकार हाड़ मांस की
बनी होनी चाहिए,
जिसके दिल में धड़कता हो दिल ,
और जिसकी चमड़ी अभी मोटी
न हुई हो ।

_____शाहिद अंसारी

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